दान
विपश्यना जैसी अनमोल साधना की शिक्षा पूर्णतया नि:शुल्क ही दी जाती है। विपश्यना की विशुद्ध परंपरा के अनुसार शिविरों का खर्च इस साधना से लाभान्वित साधकों के कृतज्ञताभरे ऐच्छिक दान से ही चलता है। जिन्होंने आचार्य गोयंकाजी अथवा उनके सहायक आचार्यों द्वारा संचालित कमसे कम एक दस दिवसीय शिविर पूरा किया है, केवल ऐसे साधकों से ही दान स्वीकार्य है।
जिन्हें इस विधि द्वारा सुख-शांति मिली है, वे इसी मंगल चेतना से दाने देते हैं कि बहुजन के हित-सुख के लिए धर्म-सेवा का यह कार्य चिरकाल तक चलता रहे और अनेकानेक लोगों को ऐसी ही सुख-शांति मिलती रहे। केंद्र के लिए आमदनी का कोई अन्य स्रोत नहीं है। शिविर के आचार्य एवं धर्म-सेवकों को कोई वेतन अथवा मानधन नहीं दिया जाता। वे अपना समय एवं सेवा का दान देते हैं। इससे विपश्यना का प्रसार शुद्ध रूप से, व्यापारीकरण से दूर, होता है।
दान चाहे छोटा हो या बड़ा, उसके पिछे केवल लोक-कल्याण की चेतना होनी चाहिए। बहुजन के हित-सुख की मंगल चेतना जागे तो नाम, यश अथवा बदले में अपने लिए विशिष्ट सुविधा पाने का उद्देश्य त्याग कर अपनी श्रद्धा व शक्ति के अनुसार साधक दान दे सकते हैं।
कैसे दान करें
पुराने साधक निम्न तरीकों से दान कर सकते हैं:
बैंक / ऑनलाइन दान में प्रत्यक्ष जमा:
बैंक का नाम: सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया दुर्ग
खाता नाम: विपश्यना केंद्र, भिलाई
खाता संख्या: 1575237007
आईएफएससी कोड: CBIN 0282131 (आरटीजीएस और एनईएफटी लेनदेन के लिए उपयोग किया जाता है)
ऍम. आई. सी. आर. कोड : 491016891
स्विफ्ट कोड :CBININBB
पैन संख्या : AAATD7223N
चेक / डिमांड ड्राफ्ट द्वारा:
"विपश्यना केंद्र, भिलाई " के पक्ष में चेक / ड्राफ्ट द्वारा दान निम्नलिखित पते पर भेजा जा सकता है:
धम्म केतु विपश्यना साधना केंद्र
थनोद, अंजोरा, जिला- दुर्ग , छत्तीसगढ़ , भारत - 491001
दूरभाष संख्या: [91] 9589842737, [91] 9907755013
दान के बाद, कृपया हमें अपना नाम और मोबाईल नं. के बारे में हमें इन मोबाइल नं पर जानकारी अवश्य दें ।
1) श्री आर. पी. सैनी, भिलाई, दूरभाष संख्या: 09425244706
2) श्री ईस्वरचंद्र अग्रवाल, रायपुर, दूरभाष संख्या: 08878119109